शनिवार, 14 अक्तूबर 2017

आज मुश्किल है दिल बचा रखना


चाहतें दिल में इंतिहा रखना
पर लबों को जरा सिला रखना

बात करना मगर अदा रखना
औ दिलों में भी फासला रखना

फर्क रखना न राब्ता रखना
इस तरीके से दिल लगा रखना

चाहतें दिल में इंतिहा रखना
पर लबों को जरा सिला रखना

बात करना मगर अदा रखना
औ दिलों में भी फासला रखना

फर्क रखना न राब्ता रखना
इस तरीके से दिल लगा रखना

सीखकर आ गये कहाँ से तुम
हर किसी से ये वायदा रखना

जब जमाना ही हो गया पत्थर
पत्थरों में न फिर खुदा रखना

इश्क करना अगर खुदाओं से
किस्मतों से न फिर गिला रखना

जिस नजाकत से बात करते हो
आज मुश्किल है दिल बचा रखना

ये सियासत का तौर ठीक नहीं
हर किसी को डरा-डरा रखना



डॉ रविंद्र सिंह मान

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