चाहतें दिल में इंतिहा रखना
पर लबों को जरा सिला रखना
बात करना मगर अदा रखना
औ दिलों में भी फासला रखना
फर्क रखना न राब्ता रखना
इस तरीके से दिल लगा रखना
चाहतें दिल में इंतिहा रखना
पर लबों को जरा सिला रखना
बात करना मगर अदा रखना
औ दिलों में भी फासला रखना
फर्क रखना न राब्ता रखना
इस तरीके से दिल लगा रखना
सीखकर आ गये कहाँ से तुम
हर किसी से ये वायदा रखना
जब जमाना ही हो गया पत्थर
पत्थरों में न फिर खुदा रखना
इश्क करना अगर खुदाओं से
किस्मतों से न फिर गिला रखना
जिस नजाकत से बात करते हो
आज मुश्किल है दिल बचा रखना
ये सियासत का तौर ठीक नहीं
हर किसी को डरा-डरा रखना
डॉ रविंद्र सिंह मान
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