चिहरे की ख़ामोशी का मतलब है क्या?
दिल के तूफानों में कुछ गफलत है क्या?
ढूंढ़ा करते हो मंदिर-मस्जिद जिसको
उसके जैसा ही कोई भीतर है क्या
जब जब उसके होठों अपना नाम सुना
सोचा हमने पाई भी किस्मत है क्या
जिंदा रहने में परेशानी लाख सही
मरने से लेकिन कोई निस्बत है क्या
इक चेहरे पे जाने कितने चेहरे हैं
मौला! इंसानों की ये फितरत है क्या
मेड़ों की खातिर तो खेत से खेत लड़े
खेतों की अब और भी कुछ हसरत है क्या
©2016 डॉ रविन्द्र सिंह मान
सर्वाधिकार सुरक्षित
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