1.
गालियाँ
कविता होती हैं
जब वे
क्रोध में नहीं
विरोध में दी जाती हैं.
2.
कविताएँ
गालियाँ होती हैं
जब वे
विचार नहीं
व्यक्ति के
विरोध में
कही जाती हैं.
3.
गालियों में
भटकते शब्द
कविता तराश सकते हैं.
ये
लहज़े, लिहाज़,
लफ़्फ़ाजी के
संतुलन का
मामला है
©2020 डॉ रविन्द्र सिंह मान
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