सफ़र के बाद
शनिवार, 7 जून 2025
दिल के ऐसे हालात हैं कुछ
›
दिल के ऐसे हालात हैं कुछ खुशबाश सजाएं मांगता है यूं जां देने को राजी है कातिल से वफाएं मांगता है है इश्क वो शय जिसने भी इसे लज्जत समझा शिद...
रविवार, 15 सितंबर 2024
इस हाल में हम दीवानों से तुम कहते हो खामोश रहो
›
जब झूठ के ताबेदारों की ज़हराब आवाज़ों के डर से सच बोलने वाले चुप्प हुए सब इन मक्कारों के डर से जब धर्म किसी कातिल के हाथों में खंजर की धार ...
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए
›
गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए मैकदे में भी बवाली नहीं होने पाए हम अना छोड़ कई बार उधर से गुजरे सिर कटा के भी सवाली नहीं होने पाए आं...
उन निगाहों को खाब कर बैठे
›
उन निगाहों को ख़ाब कर बैठे इश्क में इंकलाब कर बैठे जाने क्या गैर से कहा उसने हम मगर दिल खराब कर बैठे इक ज़रा सी नहीं पे रो रो के एक सहरा चि...
शनिवार, 27 जनवरी 2024
उस से सहमत सब से सहमत कैसे हो
›
उसके जैसी सब से मुहब्बत कैसे हो उस से सहमत सब से सहमत कैसे हो ख़ाब में उसको देखने वाले ने सोचा ख़ा बों सा ये ख़ाब हकीकत कैसे हो पलटा, आंख ...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें