सफ़र के बाद
शनिवार, 11 अक्टूबर 2025
इक दिन हम तुम फेर मिलेंगे
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उस कैफे में पीछे बैठ के हम दोनों ने एक ही कप में आधी आधी चाय पी थी इक दूजे को पास बिठा के न ही तो पलकें झपकी थीं न ही कोई बात कही थी उस क...
शनिवार, 7 जून 2025
दिल के ऐसे हालात हैं कुछ
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दिल के ऐसे हालात हैं कुछ खुशबाश सजाएं मांगता है यूं जां देने को राजी है कातिल से वफाएं मांगता है है इश्क वो शय जिसने भी इसे लज्जत समझा शिद...
रविवार, 15 सितंबर 2024
इस हाल में हम दीवानों से तुम कहते हो खामोश रहो
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जब झूठ के ताबेदारों की ज़हराब आवाज़ों के डर से सच बोलने वाले चुप्प हुए सब इन मक्कारों के डर से जब धर्म किसी कातिल के हाथों में खंजर की धार ...
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए
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गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए मैकदे में भी बवाली नहीं होने पाए हम अना छोड़ कई बार उधर से गुजरे सिर कटा के भी सवाली नहीं होने पाए आं...
उन निगाहों को खाब कर बैठे
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उन निगाहों को ख़ाब कर बैठे इश्क में इंकलाब कर बैठे जाने क्या गैर से कहा उसने हम मगर दिल खराब कर बैठे इक ज़रा सी नहीं पे रो रो के एक सहरा चि...
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