सफ़र के बाद
रविवार, 15 सितंबर 2024
इस हाल में हम दीवानों से तुम कहते हो खामोश रहो
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जब झूठ के ताबेदारों की ज़हराब आवाज़ों के डर से सच बोलने वाले चुप्प हुए सब इन मक्कारों के डर से जब धर्म किसी कातिल के हाथों में खंजर की धार ...
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए
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गम से लबरेज मवाली नहीं होने पाए मैकदे में भी बवाली नहीं होने पाए हम अना छोड़ कई बार उधर से गुजरे सिर कटा के भी सवाली नहीं होने पाए आं...
उन निगाहों को खाब कर बैठे
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उन निगाहों को खाब कर बैठे इश्क में इंकलाब कर बैठे जाने क्या गैर से कहा उसने हम मगर दिल खराब कर बैठे इक ज़रा सी नहीं पे रो रो के एक सहरा चिना...
शनिवार, 27 जनवरी 2024
उस से सहमत सब से सहमत कैसे हो
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उसके जैसी सब से मुहब्बत कैसे हो उस से सहमत सब से सहमत कैसे हो ख़ाब में उसको देखने वाले ने सोचा ख़ा बों सा ये ख़ाब हकीकत कैसे हो पलटा, आंख ...
शुक्रवार, 19 जनवरी 2024
उसने साथ निभा देने का वादा नहीं किया
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उसने साथ नि भा देने का वादा नहीं किया हमने भी उल्फत का कोई इरादा नहीं किया पलकों पर रक्खा था सारे आंसू खारिज़ थे दिल की धड़कन था पैकर का ल...
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