बेवफा जिंदगी को वफ़ा चाहिये
आसरा चाहिये इक सदा चाहिये
भूलके रास्ता खो चुके हैं निशाँ
देश को फिर नया रहनुमा चाहिये
जिंदगी और भी आशिकी से परे
बेवजह चाहिये खुशनुमा चाहिये
बेसबब आज रोये सरे राह हम
आँसुओं का जरा हौंसला चाहिये
दिल सहम ही गया आपने जब कहा
सामने से हटो रास्ता चाहिये
राहतों के अभी कुछ ठिकाने नहीं
चाहतें बेशुमार इंतिहा चाहिये
वे पड़ोसी हुये अब सदा को मिरे
दोस्ती का नया सिलसिला चाहिये
बात दिल की कहूँ बेजुबां न रहूँ
रंग भरने को पर आसमाँ चाहिये
आस तुमसे रही, बात दिल की कही
ये खता हो गई तो सजा चाहिये
©2015 डॉ रविन्द्र सिंह मान
सर्वाधिकार सुरक्षित
आसरा चाहिये इक सदा चाहिये
भूलके रास्ता खो चुके हैं निशाँ
देश को फिर नया रहनुमा चाहिये
जिंदगी और भी आशिकी से परे
बेवजह चाहिये खुशनुमा चाहिये
बेसबब आज रोये सरे राह हम
आँसुओं का जरा हौंसला चाहिये
दिल सहम ही गया आपने जब कहा
सामने से हटो रास्ता चाहिये
राहतों के अभी कुछ ठिकाने नहीं
चाहतें बेशुमार इंतिहा चाहिये
वे पड़ोसी हुये अब सदा को मिरे
दोस्ती का नया सिलसिला चाहिये
बात दिल की कहूँ बेजुबां न रहूँ
रंग भरने को पर आसमाँ चाहिये
आस तुमसे रही, बात दिल की कही
ये खता हो गई तो सजा चाहिये
©2015 डॉ रविन्द्र सिंह मान
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